परिवार टूटे तो अपने रूठे : अपने रूठे तो सपने टूटे
जयपुर, 29 जनवरी। स्वर्णकार समाज उत्थान संघ जयपुर की ओर से 29 जनवरी को पिंक सिटी प्रेस क्लब सभागार में ''टूटते परिवार बिखरते सपने'' विषयक संगोष्ठी व स्मारिका का विमोचन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज एण्ड टेक्नोलॉजी के चेयरमैन डॉ एम.एल. स्वर्णकार थे। अध्यक्ष एम.एन.आई.टी. संस्थान से मानविकी विभाग प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष पद से सेवानिवृत्ता प्रोफेसर डॉ आर.एस. वर्मा, विशिष्ठ अतिथि वित्ता (आबकारी) विभाग, राजस्थान सरकार में वरिष्ठ लेखाधिकारी श्री सुनील सोनी, मुख्य वक्ता डॉ अशोक कुमार शरर््मा, प्राचार्य, श्री अग्रसेन स्नातकोत्तार शिक्षा महाविद्यालय सीटीई, जामडोली, जयपुर तथा अन्य मुख्य वक्ता डॉ प्रभा वर्मा सहायक आचार्य, हिन्दी विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर थे। कार्यक्रम का शुभारंभ मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। श्री कैलाशचंद सारडीवाल द्वारा स्वर्णकार समाज उत्थान संघ का परिचय दिया गया। इसके पश्चात् डॉ सुधीर सोनी ने कार्यक्रम की रूपरेखा की विस्तृत जानकारी दी। मुख्य वक्ता डॉ प्रभा वर्मा ने कहा कि कहा कि आज के भौतिकवाद के युग में जिस प्रकार से परिवार टूटते जा रहे हैं वह एक अत्यंत सोचनीय विषय है। मनुष्य के लिए परिवार ही उसका समाज होता है वही उसके विकास का प्राथमिक केन्द्र होता है। उन्होंने कहा कि परिवार में रहकर ही व्यक्ति अपने सपनों को पूरा कर सकता है, लेकिन आज भाई-भाई में इतनी तकरारें हो जाती है कि वो आपस में एक-दूसरे के दुश्मन बने बैठे हैं। विशिष्ठ अतिथि सुनील सोनी ने कहा कि टूटते परिवार बिखरते सपने विषय एक ज्वलंत मुददा है आज समाचार पत्रों में रोज आत्महत्या, दहेज प्रताडना की खबरें छप रही हैं। ऐसे मामलों से ना केवल उनके बल्कि उनके परिवार के हर एक सदस्य के सपने मोतियों की तरह बिखर जाते हैं। माता-पिता तथा बच्चों के मध्य संबंध इतने बिगड़ गए कि हमें 'ओल्डएज होम' की स्थापना करनी पड़ रही है। डॉ एमएल स्वर्णकार ने अपने संबोधन में कहा कि हर समाज की तरह हमारे समाज के लोगों को भी परिवार के साथ-साथ अपने समाज के पूरे परिवार के साथ एकजुटता के साथ रहना चाहिए। हमें अपने परिवारों को तोडना नही बल्कि हमें उन सभी परिवारों के लोगों से यही आहवान करना चाहिए कि वे अपने परिवार को जोडें और परिवार की उम्मीदों और सपनों को साकार करें। डॉ. अशोक कुमार शर्मा ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में कहा कि हमारे देश में 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना रही है। यहा। पृथक परिवार की संकल्पना कभी की ही नहीं गई। वर्तमान परिदृश्य पाश्चात्य संस्कृति की देन है। इसी प्रकार डॉ आर. एस वर्मा ने बड़े ही सहज और सरल शब्दों में अपना उद्बोधन दिया। कार्यक्रम के अंत में स्वर्णकार समाज उत्थान संघ के अध्यक्ष गजेन्द्र सोनी ने आगंतुकों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में समाज की अनेक संस्थाओं के पदाधिकारी तथा अन्य प्रबुध्द वर्ग बड़ी संख्या में उपस्थित था। कार्यक्रम में मंच संचालन योगेश सोनी तथा सागर सोनी द्वारा किया गया। कार्यक्रम के संयोजक उमेश कुमार सोनी रहे।
this program create milestone in swarnkra samaj history. and inspire others.
ReplyDeleteसफ़ल आयोजन पर हार्दिक शुभकामनाए.. वैचरिक संगोष्ठि अपने आप मे एक सफ़ल उद्देश्य और उसमे निहीत समाज की बेहतर संकल्पना का परिचायक होती है. इस उद्देश्य का कार्यक्रम सर्वदा प्रेरणात्मक स्त्रोत,और समाज को हर प्रतिबिम्ब मे अग्रसर रखता है,उमेश ज़ी और उनकी पूरी संस्था को अनन्य बधाईया....
ReplyDelete--दुर्गेश
heartiest congratulations to SSUS and all its members..best wishes for future..
ReplyDeleteVINOD SONI.