Wednesday, November 9, 2011


स्वर्णकार समाज-उत्थान संघ, जयपुर
''टूटते परिवार बिखरते सपने'' विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन
यह हम सभी जानते हैं कि हमारा देश कभी विश्व गुरू रहा है और पूरे विश्वास के साथ यह कहा जा रहा है कि हमारी वह स्थिति पुन: प्रकट होगी और हम फिर से सम्पूर्ण विश्व का प्रतिनिधित्व करेंगे। ऐसा इसलिए था क्योंकि हमारे देश की संस्कृति, संस्कार, परम्पराएं, ज्ञान विश्व में सर्वश्रेष्ठ रहे हैं। हमारे देश की एकता एवं अखण्डता में सबसे बड़ा योगदान हमारी पारिवारिक संगठित संरचना का रहा है, जिसे हम ''संयुक्त परिवार'' की संज्ञा देते हैं। जिसमें परिवार के सभी सदस्य हमेशा एक साथ रहते हुए एक-दूसरे के सुख-दुख के भागेदार बनते हैं और यही व्यवस्था हमारे परिवार को एक सूत्र में पिराये रखती है और आगे यह समाज की और फिर देश की एकता की महत्वपूर्ण कड़ी बनती है। किन्तु बड़े दुख की बात है कि विगत कुछ समय से यह पारिवारिक संरचना अपना मूल स्वरूप खो रही है, जिसका कारण संभवत: हमारे अंदर मूल्यों का विघटन होना है। परिणामस्वरूप ''संयुक्त परिवार'' का स्थान ''एकल परिवार'' ने ले लिया है और कहते हुए बड़ा दुख होता है कि बड़े-बड़े शहरों में ''एकल परिवार'' भी अपना अस्तित्व कायम रखने में असफल हो रही है और अब इंडीवीज्यूल्स फैमिली (परिवार का प्रत्येक सदस्य अलग-अलग हैं और मात्र एक व्यक्ति ही अपने आप में फैमिली बनकर रह गया है) का कॉन्सैप्ट जाने-अनजाने हम पर हावी होता जा रहा है। अब और कितना विघटन हमारी पारम्परिक पारिवारिक व सामाजिक संरचना का होगा ? कहना मुश्किल है और यह एक बहुत गंभीर समस्या है जिस पर चिन्तन कर सकारात्मक प्रयास करते हुए इसका समाधान खोजना अत्यन्त आवश्यक है।
इसी उद्देश्य को लेकर स्वर्णकार समाज-उत्थान संघ, जयपुर द्वारा सामाजिक चेतना हेतु निरन्तर किए जा रहे प्रयासों की कड़ी में उक्त गंभीर मुद्दे पर चिन्तन करने की दृष्टि से ''टूटते परिवार बिखरते सपने'' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन माह जनवरी, 2012 में प्रायोज्य है। इस कार्यक्रम के आयोजन से पूर्व इस विषय पर एक स्मारिका का प्रकाशन किया जायेगा, जिसका विमोचन कार्यक्रम के अन्तर्गत किया जायेगा। इस स्मारिका में समाज के विद्वतजनों से उक्त विषय पर लेख आमंत्रित किए जा रहे हैं। उक्त विषय पर आधारित उप-विषय निम्न प्रकार से हैं, जिनमें से आप अपनी स्वेच्छानुसार किसी भी एक विषय का चयन पर अपना लेख प्रेषित करने की कृपा करें-
1.  संयुक्त परिवार : भूमिका, आवश्यकता, परम्परा, समकालीन प्रासंगिकता
2. एकल परिवार : प्रासंगिकता, अवमूल्यन, कठिनाईयाँ, सुझाव
3. बिखरते परिवार : क्या छोडें, क्या सहेजें
4. कैरियर और परिवार : कैसे हो सामंजस्य
5. समकालीन समाज : भविष्य, सपने व वास्तविकताएँ
6. अनुभव या संघर्ष : परिवार बनाम अकेलापन
7. कितने महत्वपूर्ण हैं रिश्ते ?
8. सामंजस्य, समाज, परिवार : कैसे हो संतुलन ?
9. परिवार और महिला : भूमिका व व्यवस्था
10. परिवार और सदस्य : सबकी अपनी बात

लेख के संबंध में निम्न बातों का ध्यान रखें-
1.  लेख यदि हस्तलिखित हो तो A4 साइज के पांच पृष्ठों से अधिक न हो।
2. लेख यदि कम्प्यूटर द्वारा टाईप्ड हो तो A4 साइज के तीन पृष्ठों से अधिक न हो तथा जिसमें फोन्ट का आकार किसी भी लिपी में किन्तु 14 पाइंट से अधिक न हो।
3. लेखों को स्मारिका में स्थान देने अथवा नहीं देने का पूर्ण अधिकार सम्पादक मण्डल का रहेगा, इस विषय में किसी भी प्रकार के विवाद पर विचार नहीं किया जायेगा।
4. मूल लेख में संशोधन करने का अधिकार भी पूर्ण रूप से सम्पादक मण्डल को रहेगा, इस विषय में भी किसी प्रकार के विवाद पर विचार नहीं किया जायेगा।
5. लेख ऊपर दिये गये किसी एक उप-विषय पर ही आधारित हो तथा लेख लिखते समय कृपया विषय-वस्तु, आंकड़ों एवं तथ्यों की सत्यता की जांच कर लें, इस संबंध में सम्पूर्ण जिम्मेदारी लेखक की स्वयं की होगी।
6. लेख नीचे दिये पते अथवा ई-मेल पर 10 दिसम्बर, 2011 तक (एक पासपोर्ट साइज फोटो के साथ) अनिवार्य रूप से पहुंच जाने चाहिए, इसके पश्चात् प्राप्त लेखों पर विचार करना संभव नहीं होगा।
नोट : स्मारिका में प्रकाशन हेतु विज्ञापन भी आमंत्रित किए जा रहे हैं। स्मारिका में विज्ञापन प्रकाशन के संबंध में पूर्ण जानकारी के लिये कृपया सम्पर्क करें-
1. विरेन्द्र सोनी (उपाध्यक्ष), 9414272977, 2. योगेश सोनी (सचिव), 9314023251
लेख भेजने हेतु पता :
संस्था कार्यालय पता : एफ.आई.आई.टी. सेंटर, ए-1, गोविन्द देव कॉलोनी, चौगान स्टेडियम के पीछे, ब्रह्मपुरी, जयपुर-302002 (राजस्थान)
अथवा
ई-मेल पता : ssus.rajasthan@gmail.com

उमेश कुमार सोनी                                     डॉ. सुधीर सोनी
   सम्पादक                                         प्रधान सम्पादक
 9314405401                                       9414716676


Monday, October 10, 2011

Significance of Maharaja Ajmeed Jayanti Celebration

सर्वप्रथम समस्त स्वर्णकार बंधुओ को महाराजा अजमीड़ जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं. 
जैसा की आप सभी जानते हैं की दिनांक ११.१०.११ को महाराजा अजमीड़ की जयंती है और बड़े हर्ष का विषय है की संपूर्ण भारत वर्ष में विभिन्न संगठनों द्वारा यह जयंती बड़े हर्शोल्लाश के साथ मनाई जाएगी और क्यु न मनाई जाये आखिर महाराजा अजमीड़ मेड क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के आदिपुरुष हैं और हमें गर्व है की महाराजा अजमीड़ जैसे महाप्रतापी राजा के हम वंशज हैं.  लेकिन विचारणीय बिंदु यह है की क्या हम सही मायनों में अजमीड़ जयंती मानते आ रहे हैं और इस बार भी मना पाएंगे. किसी भी कार्य को करने के मायने प्रत्येक व्यक्ति के विभिन्न हो सकते हैं. अजमीड़ जयंती को मनाने के मायने जो में समझता हूँ उसे आप सभी के साथ बाँटना चाहता हूँ इसलिए ये ब्लॉग लिख रहा हूँ. 
हम सभी कल देखेंगे की बड़े बड़े संगठनों द्वारा अजमीड़ जयंती मनाई जाएगी और हजारो की संख्या में स्वर्णकार बंधू एकत्रित होंगे ,कलश यात्राएं निकाली जाएँगी, मंचो से बड़े बड़े उद्बोधन सुनने को मिलेंगे, भामाशाहो द्वारा बड़ी बड़ी घोषणाएं की जाएँगी, प्रतिभाओं का सम्मान किया जायेगा, रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जायेगा और अंत में भोजन प्रसादी के साथ कार्यक्रम समाप्त हो जायेगा. आप क्या सोचते हैं क्या यही मायने हैं अजमीड़ जयंती मानाने के. में शायद कुछ और सोचता हूँ. जब बड़े बड़े बैनरों पर लिखा जायेगा श्री मेध क्षत्रिय स्वर्णकार  समाज ......... द्वारा आयोजित अजमीड़ जयंती समारोह........ तो यह सोचकर मेरे मन में पहेले से ही कुछ प्रश्न उठ रहे हैं. ऊपर लिखे वाक्य में चार बड़े ही महत्पूर्ण प्रश्न छिपे हैं, जो की उन चार स्तम्भो  की भांति है  जो हमारे स्वर्णकार समाज की इमारत को सहेजे हुए हैं. यदि इन चार प्रश्नों के उत्तर विभिन्न संगठन अजमीड़ जयंती के माध्यम से आम जन तक पंहुचा सके तो अजमीड़ जयंती के आयोजन की सार्थकता है अन्यथा ये सिर्फ एक निरूध्येश्य कार्यक्रम ही साबित होंगे. ये चार प्रश्न हैं :
१. महाराजा अजमीड़ कोन थे
२. हम मेढ़ कैसे कहलाये 
३. हम क्षत्रिय कैसे हुए 
४. स्वर्नकारी कार्य करने वाली तो बहुत सी जातियां हैं किन्तु मेढ़ जाती ही स्वयं को शुद्ध स्वर्णकार क्यूँ मानती है अर्थात हम स्वर्णकार कैसे हुए

बड़े दुःख की बात है हर वर्ष अजमीड़ जयंती का आयोजन करने वाली अधिकांश संस्थाओं के पदाधिकारियों तक को उक्त सवालो के जवाब पता नहीं हैं तो क्या वे इनका जवाब आम व्यक्ति तक पंहुचा पाएंगे, क्या उनका कर्त्तव्य नहीं है की वे जिस समाज की सेवा का बीड़ा अपने कंधो पे उठाये हैं कम से कम अपने समाज के इतिहास की तो जानकारी कर ले और समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक इस जानकारी को सही रूप में पहुचाएं.  उन्हें बताएं की महाराजा अजमीड़ महाप्रतापी राजा हुए जिन्होंने हस्तिनापुर पर राज्य किया, और मेढ़ जाती महाराजा अजमीड़ की वंशज है , वह जाती जिसने लम्बे समय तक इर्रान में मीडिया पर शाशन किया और निरंतर युद्ध करने के कारन  हम क्षत्रिय कहलाये, चूँकि सदेव तो युद्ध नहीं होते हैं अत मेढ़ क्षत्रिय जाती स्वर्नकारी कार्य में भी सिद्धहस्थ थी, हम विश्व के सर्वश्रेठ कलाकार हैं  आदि आदि अनेकों बातें  जो हमें गोरवान्वित करती हैं और सुशोबित करती हैं, एक स्वर्णकार के रूप में. 
जरा सोचिये आज कितने समाज बंधू महाराजा अजमीड़ के विषय में जानकारी रखते हैं, कितने समाज बंधुओ ने महाराजा अजमीड़ का चित्र अपने घरो या व्यवसाय स्थालो पर लगाया हुआ है, आप मालूम  करने का प्रयास कीजीए या स्वयं से ही पूछ लीजीये, बड़े आश्चर्यजनक परिणाम सामने आयेंगे और बड़े दुखद भी. हम जो भी कार्य करते हैं जब तक उस कार्य के उद्देश्य उसकी संकल्पना के साथ मेल नहीं खायेंगे तब तक उस कार्य की सफलता सुनिश्चित नहीं की जा सकती है. 
कारण अनेक हैं जिनकी वजह से हमारे समाज का असली और व्यापक चेहरा कही बहुत पीछे छूट गया है और समाज के सभी सद्श्यों को उनकी पहचान और सरोकारों से अवगत कराना बहुत आवश्यक है. ताकि वे पहचान सके अपने वजूद को. इसलिए मेरा समाज के सभी बंधुओ से निवेदन है , विशेषकर उनसे जिन्होंने सामाजिक संगठनों की स्थापना कर समाज सेवा का बीडा उठाया है  की  यदि समाज को आगे बढाना है तो पहेले आधार मजबूत कीजीये. तो समाज बंधू स्वयं आगे आयेंगे आपका इस सद्कर्म में साथ देने के लिए.
जय अजमीड़ जय भारत !

उमेश कुमार सोनी 
संयुक्त सचिव, स्वर्णकार समाज उत्थान संघ 
9314405401

Friday, September 16, 2011

Honouring of Teachers Programme - Swarnkar Samaj Utthan Sangh




जयपुर, 5 सितम्बर। यह सर्वविदित है कि किसी भी देश के विकास में उस देश की शिक्षा व्यवस्था का योगदान सर्वाधिक होता है। अत: विद्यार्थियों को शिक्षा देने वाले शिक्षकों का स्थान सर्वथा सर्वोच्च है। इसीलिए कहा गया है-
गुरुब्रह्मा गुरुर्विष्णु: गुरुदेवो महेश्वर:।
गुरु: साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:॥
अत: देश की भावी पीढ़ी के सकारात्मक निर्माण में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले गुरूजनों का सम्मान ईश्वर की अराधना के समकक्ष है। इसी उद्देश्य से स्वर्णकार समाज-उत्थान संघ द्वारा दिनांक 05 सितम्बर, 2011 को शिक्षक दिवस पर "Multimedia : A Tool for 21st century teachers" पर व्याख्यान तथा शिक्षक सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत जयपुर शहर में स्थित विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत स्वर्णकार समाज के शिक्षकों (विशेषकर उच्च शिक्षा में कार्य कर रहे शिक्षकों को) को आमंत्रित कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन राजस्थान चैम्बर भवन, जयपुर के मोहनलाल सुखाडिया सभागार में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती एवं महाराजा अजमीढ़ की प्रतिमा के समक्ष पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम के मंचस्थ अतिथियों में श्रीमान् राकेश वर्मा (आई.ए.एस.)-प्लानिंग विभाग राजस्थान सरकार, श्रीमान् फतेहचंद सोनी-से.नि. आई.पी.एस. अधिकारी, श्रीमान् हनुमान सहाय सोनी, प्रबंध निदेशक, पिंकसिटी बिल्डर्स एवं कोलोनाईजर्स तथा मुख्य वक्ता प्रो. पी. एल. स्वर्णकार-से.नि. प्रोफेसर बोटनी विभाग राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सर्वप्रथम श्री कैलाशचंद सारडीवाल द्वारा मंचस्थ अतिथियों का परिचय कराया गया एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। इसके पश्चात् श्री श्याम आर्य द्वारा स्वर्णकार समाज उत्थान संघ की संकल्पना पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में जयपुर के विभिन्न अकादमिक कॉलेजों, इंजीनियंरिंग कॉलेजों तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों में कार्यरत स्वर्णकार शिक्षकों ने अति-उत्साह के साथ भाग लिया। इस कार्यक्रम को लेकर गत माह से ही समाज बंधुओं तथा आमंत्रित शिक्षकों में विशेष उत्साह था। कार्यक्रम में स्वर्णकार समाज का अद्भुत शैक्षिक समागम देखने को मिला। सभी ने मुक्त कण्ठ से कार्यक्रम के भाव, उद्देश्य एवं व्यवस्थाओं की प्रशंसा की।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. पी.एल.स्वर्णकार ने कहा कि आज भी शिक्षक चॉक एवं टॉक के माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षा दे रहे हैं। जबकि आज का युग सूचना प्रौद्योगिकी का युग है तथा आज का विद्यार्थी लैपटॉप, कम्प्यूटर, इंटरनेट, आई-पॉड, 3जी मोबाईल, ऑन-लाइन सेवाओं आदि का उपयोग करना जानता है, ऐसे में शिक्षकों को स्वयं को अपडेट करने की आवश्यकता है, नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब शिक्षक स्वयं को तकनीकी के क्षेत्र में अपने विद्यार्थियों से भी पिछड़ा महसूस करेगा।
कार्यक्रम में श्री राकेश वर्मा ने कहा कि स्वर्णकार समाज में इस प्रकार के आयोजनों की अत्यधिक आवश्यकता है। जब तक हमारा समाज शिक्षा से नहीं जुड़ेगा तब तक किसी भी प्रकार के विकास की कल्पना करना संभव नहीं है।
श्री हनुमान सहाय सोनी ने अपने वक्तव्य में कहा कि जयपुर में समाज के शैक्षणिक संस्थान की अत्यधिक आवश्यकता है और इस दिशा में अवश्य ही कोई कदम उठाकर इस संकल्पना को साकार रूप दिया जाना अपेक्षित है।
श्री फतेहचंद सोनी ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वर्णकार समाज अभी भी शिक्षा की कमी से जूझ रहा है और हमारे समाज के पिछडेपन का मुख्य कारण शिक्षा का अभाव होना है। अत: हमारे समाज को शिक्षा के क्षेत्र में आगे लाने हेतु विशेष प्रयासों की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में जयपुर के विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में कार्यरत लगभग 20 शिक्षकों (सेवानिवृत्त शिक्षकों का भी) का सम्मान किया गया। जिसमें डॉ. आर.एस.वर्मा, श्री हीरालाल मैढ़, प्रो. पी.एल.स्वर्णकार, डॉ. बद्रीलाल सोनी, प्रो. श्यामलाल सोनी, डॉ. ओ.पी.जौहरी, डॉ. विनीत सोनी, डॉ. शारदा सोनी, डॉ. विजय सोनी, श्री सुरेन्द्र सोनी, सुश्री समता सोनी, श्री ज्ञानेश सोनी, सुश्री इंदुलता सोनी, श्री नरेश सोनी, श्री विनोद सोनी, श्री जगदीश सोनी, डॉ. पंकज सोनी, श्री नरेन्द्र सोनी, सुश्री शोभा सोनी, श्री उमेश कुमार सोनी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में समाज के अनेक प्रतिष्ठित बंधुआें ने भाग लिया और आयोजन की भूरी-भूरी प्रशंसा की। कार्यक्रम के अन्त में श्री कैलाशचंद सारडीवाल द्वारा उपस्थिति शिक्षकों एवं अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में मंच संचालन योगेश सोनी ने किया तथा कार्यक्रम के संयोजक उमेश कुमार सोनी रहे। कार्यक्रम के अन्त में रात्रि भोज का आयोजन किया गया जिसके अन्तर्गत स्वर्णकार समाज उत्थान संघ के अध्यक्ष गजेन्द्र सोनी ने सभी आगन्तुक अतिथियों को व्यक्तिश: मिलकर धन्यवाद दिया तथा संगठन के समस्त कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम की सफलता के लिए बधाई दी। कार्यक्रम की व्यवस्थाओं की दृष्टि से ज्वैलर्स व्यापार मण्डल के महामंत्री श्री ताराचंद सोनी का योगदान सराहनीय रहा।

(उमेश कुमार सोनी)
कार्यक्रम संयोजक


Wednesday, July 13, 2011

Compulsion of Hallmarking : Is it Fair in India


२२ मार्च, २॰११ को सरकार द्वारा BIS Amendment Bill 2011 पेश कर बताया गया है कि अन्य उत्पाद के साथ सोने पर हॉलमार्क अनिवार्य किया जाए, अभी ७७ आइटम पर हॉलमार्क  BIS Act के तहत लागू होना बताया गया है। केन्द्रीय सरकार द्वारा हाल ही में BIS Act. 1986 की धारा १४ में संशोधन किया जा रहा है जिसमें अनिवार्य रूप से हॉलमार्क को लागू करना होगा, ऐसी स्थिति में प्रत्येक ज्वैलरी व्यापारी एवं स्वर्णकार भाईयों के मूल व्यवसाय पर कठिनाइयाँ, परेशानियाँ पैदा हो जायगी और वह अपना व्यवसाय सुचारू रूप से कर ही नहीं पायेगा। स्वर्णकारी व्यवसाय से आज पूरे देश में लाखों-करोडों लोग जुडे हुए हैं जिनमें से अधिकांशतः व्यापारी कम शिक्षित हैं। अतः इसे कानून की परिधि में आने से रोकना आवश्यक है उसके लिए पूरे देश के स्वर्णकार भाईयों एवं इस पशे से जुडे व्यक्तियों को पूरी एकता के साथ केन्द्रीय नेतृत्व से जुडकर विरोध प्रदर्शन करना होगा। ये विचार ज्वैलर्स व्यापार मण्डल (समिति) शास्त्री नगर की आमसभा की बैठक में श्रीमान् ओ.पी.आर्य, एडवोकेट, राजस्थान उच्च न्यायालय (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय स्वर्णकार समाज, नागपुर एवं राष्ट्रीय विधि सचिव, अखिल भारतीय स्वर्णकार समाज, नई दिल्ली) ने व्यक्त किए।
ज्वैलर्स व्यापार मण्डल (समिति) शास्त्री नगर की आम सभा की बैठक दिनांक ॰८ जुलाई, २॰११ को सोनी कॉम्पलैक्स, शास्त्री नगर में आयोजित की गई। बैठक का शुभारम्भ महाराजा अजमीढ के चित्र के समक्ष पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। बैठक की अध्यक्षता व्यापार मण्डल की अध्यक्ष श्रीमती सुशीला वर्मा (पूर्व पार्षद) ने की। कार्यक्रम में स्वर्णकारी व्यवसाय में आ रही कठिनाईयों के स्थाई हल हेतु चर्चा की गई। ज्वैलर्स व्यापार मण्डल के महामंत्री ताराचंद सोनी ने अपने उद्बोधन में विशेष रूप से धारा ४११ व ४१२ से उत्पन्न समस्याओं के निवारण पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता जताई तथा संगठन की एकता को बनाये रखने एवं संगठन को मजबूती प्रदान करने का आह्वान किया। बैठक में सर्वसम्मति से सरंक्षक पद हेतु श्री रामस्वरूप सोनी को मनोनीत किया गया। बैठक में ज्वैलर्स व्यापार मण्डल (समिति) शास्त्री नगर के वार्षिकोत्सव को अगस्त माह में मनाये जाने की रूपरेखा तैयार की गई। कार्यक्रम में ज्वैलर्स के व्यापार मण्डल के उपाध्यक्ष-रामावतार सोनी, रवि सोनी, संजय सोनी, बाबूलाल सोनी, संगठन मंत्री-सुरेन्द्र सोनी, सह-संगठन मंत्री-ओमशिवशंकर सोनी, कोषाध्यक्ष-विमलेश सोनी, प्रचार मंत्री-गोपाल सोनी, सह-प्रचार मंत्री-मधुसूदन सोनी, कार्यलय मंत्री-अनिल सोनी सहित समस्त कार्यकारिणी सदस्य एवं ज्वैलर्स व्यापार मण्डल (समिति) शास्त्री नगर के स्वर्णकारी पेशे से जुडे व्यापारी बंधु उपस्थित रहे।


ताराचंद सोनी
महामंत्री

Wednesday, May 25, 2011

Wednesday, May 18, 2011

Science Communication through Digital Media Workshop, Udaipur


साइंस एंड टेक्नोलोजी विभाग भारत सरकार द्वारा वैज्ञानिक दृष्टिकोण सोसाइटी तथा मोहनलाल सुखाडिया विश्वविध्यालय के संयुक्त तत्वावधान में पञ्च दिवसीय साइंस कम्युनिकेशन थ्रू डिजिटल  मीडिया वर्कशॉप के आयोजन उदयपुर युनिवेर्सिटी में किया गया जिसमे मुख्य ट्रेनर के रूप में उमेश कुमार सोनी ने सेवाएं दी, वर्कशॉप के सफल आयोजन पर माननीय शिक्षा मंत्री राजस्थान सरकार मास्टर भंवर लाल मेघवाल ने उमेश कुमार सोनी को बधाई दी.

Wednesday, March 16, 2011

स्वर्णकार समाज द्वारा आयोजित दंत चिकित्सा शिविर सम्पन्न

स्वर्णकार समाज उत्थान संघ जयपुर द्वारा सामाजिक चेतना हेतु विभिन्न गतिविधियों का आयोजन समय-समय पर निरन्तर रूप से किया जाता है। इसी श्रृंखला में दिनांक 13 व 14 मार्च, 2011 को दो दिवसीय नि:शुल्क दंत रोग चिकित्सा एवं परामर्श शिविर का आयोजन भगवान गोविन्द देव जी मंदिर परिसर में किया गया। संघ के संयुक्त सचिव उमेश कुमार सोनी ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि आयोजन के अन्तर्गत मंदिर में पधारने वाले विभिन्न वर्ग के श्रध्दालुओं ने शिविर का लाभ उठाया। शिविर के अन्तर्गत मुख्य चिकित्सक डॉ. पवन सोनी, दंत रोग विशेषज्ञ एवं निदेशक सोनी डेन्टल हॉस्पिटल, झोटवाडा, जयपुर थे। प्रथम दिवस इस चिकित्सा शिविर के अन्तर्गत 168 श्रध्दालुओं की विभिन्न प्रकार की दंत रोग समस्याओं की जांच की गई एवं दवाओं का नि:शुल्क वितरण किया गया। कार्यक्रम में जयपुर के अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अनिल पालीवाल ने उपस्थित होकर शिविर का अवलोकन किया तथा संगठन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। शिविर में द्वितीय दिवस भी श्रध्दालुओं में शिविर को लेकर उत्साह रहा तथा 107 श्रध्दालुओं के दंत रोगों की जांच की गई एवं दवाओं का नि:शुल्क वितरण किया गया। कार्यक्रम में स्वर्णकार समाज के विभिन्न संगठनों तथा पत्र-पत्रिकाओं के पदाधिकारी तथा समाज बंधु बडी संख्या में उपस्थित रहे। जिनमें मुख्य रूप से श्री मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार सभा (जयपुर) से श्री रमेश सोनी (जवड़ा), श्री मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज (जयपुर पश्चिम) महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्षा श्रीमती मिथिलेश सुनालिया, ज्वैलर्स व्यापार मण्डल शास्त्री नगर जयपुर की अध्यक्षा श्रीमती सुशीला वर्मा, महामंत्री श्री ताराचंद सोनी, संगठन मंत्री श्री सुरेन्द्र सोनी, ज्वैलर्स गाईड के प्रधान सम्पादक श्री त्रिलोकचन्द कडेल, इन्द्र ज्ञानादेश से श्री श्याम सोनी (थूणगर), नाद की आवाज समाचार पत्र से श्री बाबूलाल सोनी, इंदौर से पधारे स्वर्णकार सेवा संदेश पत्रिका के सह-सम्पादक श्री गोविन्द अग्रोया, कोटा से पधारे महावीर सोनी सहित अनेक समाज बन्धुओं ने सहभागिता दी तथा संगठन द्वारा निरन्तर किए जा रहे कार्यों को पूर्ण रूप से समाज हित में बताया और इस प्रकार के कार्यक्रम जो समाज के आम आदमी को सीधे लाभ पहुँचाये, ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए संगठन के सभी सदस्यों को शुभकामनाएँ प्रेषित की।

Wednesday, March 2, 2011

दन्त रोग चिकित्सा शिविर

स्वर्णकार समाज उत्थान संघ, जयपुर द्वारा दिनांक 13 व 14 मार्च, 2011 को ठिकाना गोविन्द देव जी मंदिर में दन्त रोग चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसमें डॉ. पवन सोनी, निदेशक, सोनी डेन्टल हॉस्पीटल, झोटवाडा अपनी चिकित्सकीय एवं परामर्श सेवाएँ मंदिर में पधारने वाले श्रध्दालुओं को नि:शुल्क देंगे। आप सभी इस कार्यक्रम में पधारकर कार्यक्रम का लाभ उठावें तथा आयोजकों का मार्गदर्शन करें।

निवेदक - उमेश कुमार सोनी

Saturday, February 19, 2011

युवाओं की सामाजिक भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

युवाओं की सामाजिक भूमिका और समाज में उनके योगदान की आवश्यकता को समाज के युवावर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से आज दिनांक 26 दिसम्बर, रविवार को प्रात: 11.00 बजे स्वर्णकार सेवा सदन, स्वर्णकार कॉलोनी, नेहरू नगर, पानीपेच, जयपुर में स्वर्णकार समाज उत्थान संघ, जयपुर की ओर से एक छोटे से प्रयास के रूप में ''युवाओं की सामाजिक भूमिका'' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्वर्णकार समाज के 300 से अधिक युवाओं से भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमान् मनीष पारीक, उपमहापौर, जयपुर नगर निगम ने युवाओं से सामाजिक कार्यों में आगे आने का आह्वान किया तथा समाज के बुजुर्ग वर्ग से आग्रह किया कि वे युवाओं को अपने अनुभवों का लाभ पहुँचाते हुए इन्हें समाज के उत्थान हेतु आगे आने हेतु प्रेरित करें तथा इनका मार्गदर्शन करें। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. सुधीर सोनी एसोसिएट प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, राजकीय महाविद्यालय, चिमनपुरा, जयपुर ने स्वर्णकार समाज के आदिकाल से वर्तमान तक के सफर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वर्णकार समाज के व्यक्ति चूंकि चांदी और सोने के सम्पर्क में सदैव रहते आयें है तथा खान-पान में भी चांदी व सोने के बर्तनों का उपयोग प्राचीन काल से किया जाता रहा है तथा ये वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है कि चांदी व सोना सर्वोत्तम प्यूरिफायर हैं। अत: इनके सम्पर्क में आने से स्वर्णकार समाज के व्यक्तियों की मस्तिष्क क्षमता अत्युत्ताम हो गई तथा यही कारण है कि जहां भी स्वर्णकार समाज के व्यक्ति आगे आयें हैं उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में सर्वोत्तम कार्य करके इस तथ्य को सिध्द किया है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्रीमान् तरूण के जैन, सम्पादक, वैज्ञानिक दृष्टिकोण ने स्वर्णकार समाज उत्थान संघ तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में केरियर काउंसिलिंग शिविर के आयोजन की घोषणा की। कार्यक्रम में पधारे विशिष्ट अतिथि श्रीमान् लक्ष्मीकांत भारद्वाज, प्रदेश मंत्री, भाजयुमो, राजस्थान प्रदेश ने स्वर्णकार समाज के युवाओं से राजनीतिक क्षेत्र में आगे आकर अपनी पहचान बनाने का आग्रह किया तथा बताया कि वर्तमान में राजनीतिक क्षेत्र में पहचान बनाकर ही अपने समाज के उत्थान की राह को आसान बनाया जा सकता है। साथ ही उन्होंने स्वर्णकार समाज के कार्यक्रम में अन्य समाजों के व्यक्तियों की उपस्थिति को समरसता का एक अद्वितीय उदाहरण बताया। अन्त में कार्यक्रम के अध्यक्ष श्रीमान् कैलाश चंद सोनी, महामंत्री, श्री मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज (जयपुर पश्चिम) ने स्वर्णकार समाज उत्थान संघ द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की तथा बुजुर्गों से आग्रह किया कि वे युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान कर राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में आगे बढ़ने हेतु इनका मार्ग प्रशस्त करें। कार्यक्रम में श्री मैढ़ क्षत्रिय वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष श्रीमान् हनुमान सहाय सोनी, समाजसेवी श्रीमान् दुलीचंद जी कडेल, ज्वैलर्स व्यापार मण्डल, शास्त्री नगर की अध्यक्षा श्रीमती सुशीला वर्मा तथा कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित हुए। कार्यक्रम की सफलता के लिए उपस्थिति सभी व्यक्तियों ने स्वर्णकार समाज उत्थान संघ के अध्यक्ष श्री गजेन्द्र सोनी, युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री तेजपाल सोनी तथा समस्त कार्यकर्ताओं को बधाई दी। मंच संचालन श्री योगेश जी सोनी द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम के संयोजक श्री उमेश कुमार सोनी रहे।
-उमेश कुमार सोनी